Upcoming Batches :
2 to 5 April 2024
4 Days - 4 Sessions
Evening: 8:00pm to 9:15pm
Language: Hindi
Bhishma School of Indian Knowledge System
About the Workshop
ऐसी परंपरा है की किसी की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता हैI किन्तु हमें यह समझना चाहिए की अगर हम जीवित है तब गरुड़ पुराण का अभ्यास करें तो हमारा जीवन बेहतर हो जाएगाI गरुड़ पुराण हमें एक सार्थक और संतुष्ट जीवन जीने के लिए बहुत सहाय्यता करता हैI
गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के पुराणों में से एक है जो मुख्यत: वैष्णव परंपरा के अनुसार बनाया गया है। इस पुराण का नाम भगवान विष्णु के वाहन, गरुड़ से लिया गया है। गरुड़ पुराण में धार्मिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस पुराण में भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा, लक्ष्मी, पार्वती, सरस्वती, यम, यमुना, गंगा, शनि, सूर्य, चंद्र, कुबेर, यमराज, प्रह्लाद, ध्रुव, प्राचीन राजा-महाराजा, ऋषियों, विभूतियों, महात्माओं और अन्य कई देवी-देवताओं के कथाएं, उपास्यता विधान, तीर्थयात्रा, धर्म, भूत-प्रेत और उनके उपाय, पुण्य, पाप, मृत्यु, मोक्ष, देवयानी, आपदा, राजनीति, योग, ज्योतिष, वर्णाश्रम धर्म, गुरु-शिष्य संबंध, ब्रह्मचर्य, अहिंसा, सत्य, धर्म, दान, तप, यज्ञ, पूजा, व्रत, कर्मकाण्ड, महाभारत, रामायण, भगवद गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों की महत्ता पर भी विचार किया गया है।
गरुड़ पुराण को कारणभूत पुराण भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें जीवन के कारण, जीवन के लक्षण और विचारों का विवेचन किया गया है। इस पुराण की कई रेखाएं वेदांत शास्त्र की ओर इशारा करती हैं और यह ध्यान योग, भक्ति योग, कर्म योग, राज योग, ज्ञान योग, आदि जैसे विभिन्न योगों का भी वर्णन करती है। गरुड़ पुराण का एक और महत्त्वपूर्ण विषय मृत्यु संस्कार है, जिसमें मृत्यु के बाद शव की आत्मा का पुनर्जन्म के लिए सिद्धांत, श्राद्ध, पितृ तर्पण, आदि पर विस्तार से चर्चा की गई है।
ज्ञान से परिपूर्ण इस पुराण का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है जो हमें हमारी समृद्ध विरासत के बारे में सजग करता है I
Your Instructor
Dr. Mrunalini Newalkar
MA in Veda, MA in Vyākaraṇa,
PhD in Purāṇas: Sacred and Folk Realms of Bhairava
Topics covered in the Workshop
1) पुराण संकल्पना का परिचय
2) इतिहास के रूप में पुराण का अध्ययन
3) गरुड़पुराण का परिचय
4) गरुड़ पुराण में आनेवाले विषयोंका परिचय
5) नरकों का वर्णन
6) मरणोपरांत जीवगतीका विस्तृत विवेचन
7) श्राद्धविधी का शास्त्रशुद्ध निरुपण
8) प्रायश्चित्त विधी विवेचन
9) दान का महात्म्य
10) पितर और प्रेत की संकल्पना
11) विविध स्तोत्र मंत्रोंका विधान
12) गरुड पुराण – मिथक और सत्य
What you will benifit from the Workshop
1) पुराणों के बारें में अज्ञान दूर होगा
2) मिथकता से परे पुराणों में बसे इतिहास का ज्ञान होगा
3) पुराण की सही संकल्पना और उसके लक्षण समझ आएंगे
4) गरुड़ पुराण का परिचय होगा
5) हिन्दू देवी, देवता, राजा, महाराजा, कर्मकांड का परिचय होगा
6) परलोक से जुडी संकल्पनाओंका विस्तार से परिचय होगा
7) नरक की संकल्पना, अलग अलग नरकोंके प्रकार और उनकी विशेषता का ज्ञान होगा
8) प्रायश्चित के संकल्पना और उसका महत्त्व समझ आएगा
9) दान के पीछे का उद्देश्य और तरीकोंका ज्ञान होगा
10)पितर और प्रेत की संकल्पना और कार्यकारण भाव समझ आएगा
11) विविध स्तोत्र और मंत्रोकी जानकारी होगी, उनके अर्थ का ज्ञान होगा
13) गरुड़ पुराण के बारें में स्पष्ट आकलन होगा
✅ विशेषज्ञ मार्गदर्शक
✅ मार्गदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी
✅ सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र
✅ झुम लाइव्ह क्लास + रेकॉर्डिंग्स (Lifetime Access)
Important :
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Registration once made will not be cancelled or refunded for any reason. It can be transferred to another person or workshop.
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Zoom Class Link and Details will shared on WhatsApp and Email 4-6 Hours before the Workshop
Workshop Fee :
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(Call) Mo: 7875743405 / 8788243526
Email: namaste@bhishmaiks.org
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622, Janaki Raghunath, Pulachi Wadi,Near Z Bridge, Deccan Gymkhana, Pune - 411004 MH, Bharat
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About Bhishma School of Indian Knowledge Systems...
Bhishma School of Indian Knowledge System (BSIKS) is a Pioneer institute in the field of IKS and Hindu Studies. We conduct Online Courses - Certificate Courses, Masters Programs, Webinars, and workshops based on IKS, Hindu studies, Ancient Indian Vedic Wisdom, True Indian History, Art, Culture, Vedic Literature, Science, Technology, and Ancient Civilization.