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4 Days Online Workshop

Ashtang Sthapatya । अष्टांग स्थापत्य

Fee

₹775/-

भारत ज्ञान Bharat Jnan | A Knowledge Capsule on IKS

Upcoming Batches :

  • 2 to 5 April 2024

4 Days - 4 Sessions
Evening: 8:00pm to 9:15pm
Language: English
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Bhishma School of Indian Knowledge System

About the Workshop

अष्टांग स्थापत्य अर्थात हिंदू वास्तुकला भारत में निर्माण की पारंपरिक प्रणाली का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें हिंदू ग्रंथों में उल्लिखित मंदिर, मठ, मूर्तियां, घर, बाजार, उद्यान और नगर नियोजन शामिल हैं। वास्तुशिल्प सिद्धांतों को संस्कृत पांडुलिपियों और विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में उल्लिखित किया गया है। इनमें वास्तु शास्त्र, शिल्प शास्त्र, बृहत् संहिता, पुराणों और आगमों के अंश, साथ ही मानसरा जैसे क्षेत्रीय ग्रंथ शामिल हैं। वास्तुशास्त्र या स्थापत्य कला को प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ६४ कलाओंमेसे एक के रूप में सूचीबद्ध किया है I इतनाही नहीं बल्कि ‘स्थापत्य वेद’ को एक उपवेद का दर्जा भी प्राप्त हुआ है I

हिंदू वास्तुकला के सबसे महत्वपूर्ण, विशिष्ट और प्रचुर मात्रा में जीवित उदाहरण हिंदू मंदिर हैं। हिंदू मंदिर वास्तुकला में शैली की कई किस्में हैं, जिनकी ऐतिहासिक भूमिका भारतीय समुदाय का सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन का उन्नयन करने की रही है I अष्टांग स्थापत्य केवल शैली या रचना तक सीमित नहीं है I जमीन के चुनाव से लेके, मापन, सौंदर्य दृष्टि, विज्ञान, तंत्रज्ञान, शिल्प, चित्र, चिन्ह, मंदिर का प्रभाव, वातावरण और उर्जा इस सभी का खयाल रखना आवश्यक माना जाता था I वास्तु शिल्पी का केवल अपने काम में प्रवीण होना काफी नहीं थाI बल्कि उसे साधना और विशिष्ट जीवनशैली का स्वीकार करना अति आवश्यक था I परंपरा से चली आयी इस कला ने भारत में सुन्दर और विशाल वास्तुओंका निर्माण किया है I इस प्राचीन धरोहर के जरिए हमारे पुर्वजोंका ज्ञान, विज्ञान, गणित और अध्यात्म जानना आज के युग में आवश्यक है I


हर एक आर्किटेक्ट, इंजिनियर, कारागीर और सभी व्यक्तीओंको अष्टांग स्थापत्य जानना, उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है I वैश्विक उर्जाओंका हमारे निवास, दिनचर्या और जीवनमें कैसे उपयोग करें इसका विवेचन हमें अष्टांग स्थापत्य के अभ्यास से प्राप्त होता है I

Your Instructor

K.P. Umapathy Acharya

Hereditary Architect
Director, Institute of Sacred Architecture, Kumbakonam

K.P. Umapathy Acharya

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Topics covered in the Workshop

1) प्राचीन भारतीय वास्तुकला का परिचय होगा 

2) हमारे पूर्वजों के ज्ञान से परिचय होगा 

3) स्थापत्य वेद और अन्य साहित्य का परिचय होगा 

4) हिन्दू वास्तुकला की संकल्पना और विशेषता समझ आएगी 

5) मंदिर निर्माण का उद्देश्य और उनका महत्त्व समझ आएगा 

6) मंदिरोंद्वारा कला, संस्कृति, परंपरा, विज्ञान, तंत्र का जतन किस तरह किया गया है उसका ज्ञान होगा 

8) मंदिर निर्माण की प्रक्रिया समझ आएगी

9) मंदिरोंके विभिन्न भाग और प्रकार पता चलेंगे 

10) मंदिर निर्माण में लगनेवाली जटिल तकनीक का परिचय होगा 

11) रचना और सौंदर्यशास्त्र का समन्वय दिखाई देगा 

12) वास्तुकला की परंपरा और वास्तुशिल्पी की जीवनशैली का परिचय होगा

What you will benifit from the Workshop

1) हिंदू वास्तुकला का परिचय

2) मापन की प्रणाली 

3) स्थल और वास्तु मंडल (पथविन्यास ) का चयन 

4) पवित्र स्थान और सौंदर्यशास्त्र

5) मंदिरोंके विभिन्न भाग 

6) मंदिर निर्माण की जटिल तकनीक 

7) मुर्तिशास्त्र (प्रतिमाविज्ञान) और वास्तुकला का परस्पर संबंध 

8) मंदिर निर्माण का उद्देश्य एवं प्रभाव 

✅ विशेषज्ञ मार्गदर्शक

✅ मार्गदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी 

✅ ​सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र

✅ झुम लाइव्ह क्लास + रेकॉर्डिंग्स (Lifetime Access)

​Important :

  • Registration once made will not be cancelled or refunded for any reason. It can be transferred to another person or workshop.

  • Click on "Register now" to confirm your registration and pay the workshop fee online.

  • Zoom Class Link and Details will shared on WhatsApp and Email 4-6 Hours before the Workshop

₹775/-
Workshop Fee : 

Contact for any inquiries -
WhatsApp: 7875191270
(Call) Mo: 7875743405 / 8788243526
Email: namaste@bhishmaiks.org

Office Address:
622, Janaki Raghunath, Pulachi Wadi,Near Z Bridge, Deccan Gymkhana, Pune - 411004 MH, Bharat
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About Bhishma School of Indian Knowledge Systems...

Bhishma School of Indian Knowledge System (BSIKS) is a Pioneer institute in the field of IKS and Hindu Studies. We conduct Online Courses - Certificate Courses, Masters Programs, Webinars, and workshops based on IKS, Hindu studies, Ancient Indian Vedic Wisdom, True Indian History, Art, Culture, Vedic Literature, Science, Technology, and Ancient Civilization. 

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