Upcoming Batches :
No upcoming Batch
4 Days - 4 Sessions
Morning: 7:30am to 8:45am
Language: Hindi
Bhishma School of Indian Knowledge System
About the Workshop
प्राचीन भारतीय मानसशास्त्र की नींव अष्टांग योग और उसके ऋषी भगवान पतंजलि हैI मनुष्य के मनोविज्ञान का अत्यंत सूक्ष्म अध्ययन करने के बाद उन्होंने अष्टांग योग की रचना की हैI यह अत्यंत अद्भुत हैI योग भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण धार्मिक, आध्यात्मिक और शारीरिक अभ्यास का एक प्रमुख हिस्सा हैI अष्टांग योग एक विशेष प्रकार का योग है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में अपनाया जाता हैI इस योग का नाम “अष्टांग” है, क्योंकि इसमें आठ प्रमुख अंग (स्टेप्स) शामिल हैं, जो एक व्यक्ती को पूर्णता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैI
महर्षि पतंजलि ने योग को ‘चित्त की वृत्तियोंके निरोध’ (योगः चित्तवृत्तिनिरोधः) के रूप में परिभाषित किया हैI उन्होंने ‘योगसूत्र’ नाम से योगसुत्रोंका एक संकलन किया जिसमें उन्होंने पूर्ण कल्याण तथा शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए अष्टांग योग का एक मार्ग विस्तार से बताया हैI अष्टांग योग को आठ अलग-अलग चरणों वाला मार्ग नहीं समझना चाहिए; यह आठ आयामोंवाला मार्ग है जिसमें आयामोंका अभ्यास एक साथ किया जाता हैI यह आठ अंग है – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधीI
आध्यात्मिक उन्नति की सबसे बड़ी बाधा अविद्या है I इन समस्त विकारों की निवृत्ति हेतु महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग को प्रमुख साधन माना हैI अष्टांग योग में विभिन्न अंगोका अभ्यास योग साधक को साधना करने के लिए आवश्यक होता हैI इससे शरीर, मन की अशुद्धियां दूर होती है और क्रमशः अभ्यास से आध्यात्मिक उपलब्धियोंकी प्राप्ति होने लगती हैI
आज हम पाश्चात्य मनोविज्ञान जे मार्गपर चलते है जो अधुरा, अपूर्ण और सिर्फ बाहरी दृष्टिसे विचार करता हैI इसी कारण पाश्चात्य मनोविज्ञानको आत्यंतिक मर्यादा हैI अष्टांग योग का अध्ययन हर एक व्यक्ती के लिए अतिआवश्यक हैI इसी कारण वह खुद को ठीक तरह से जान पाएगा और अपना जीवन निर्भयतासे जी पाएगाI
Your Instructor
Dr. Vijay Sharma
MA Sanskrit, Researcher Darshan Shastra
Topics covered in the Workshop
1) योग की व्याख्या
2) अष्टांग योग का परिचय
3) महर्षी पतंजली और योगसूत्र का संक्षिप्त परिचय
4) यम
5) नियम
6) आसन
7) प्राणायाम
8) प्रत्याहार
9) धारणा
10) ध्यान
11) समाधी
12) अष्टांग योग का मन और शरीर के स्वास्थ्य हेतु महत्त्व
What you will benifit from the Workshop
1) योग का सही अर्थ समझ आएगा
2) योग के बारे में गलत धारणाऍ दूर हो जाएगी
3) योग का आज के समय में महत्त्व पता चलेगा
4) महर्षि पतंजलि और उनके योगसूत्र के बारें में ज्ञान होगा
5) प्राचीन समृद्ध दर्शन परंपरा का महत्त्व उजागर होगा
6) अष्टांग योग की संकल्पना समझ आएगी
7) अष्टांग योग के आठ आयामों का ज्ञान होगा
8) अष्टांग योग को अपने जीवनशैली के अनुसार कैसे अपनाना यह पता चलेगा
9) शरीर के साथ साथ मन, बुद्धी और आत्मा के स्वास्थ्य का महत्त्व पता चलेगा
10)केवल आसन और प्राणायाम से बढ़कर समग्रता से अष्टांग योग करनेका महत्त्व पता चलेगा
11)योग के साथ जीवनशैली में कौनसे बदलाव लाने आवश्यक है इसकी जानकारी मिलेगी
12)अष्टांग योग से संबधित साहित्य और प्रमाण का ज्ञान होगा
✅ विशेषज्ञ मार्गदर्शक
✅ मार्गदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी
✅ सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र
✅ झुम लाइव्ह क्लास + रेकॉर्डिंग्स (Lifetime Access)
Important :
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Workshop Fee :
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(Call) Mo: 7875743405 / 8788243526
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